Drishyam, ek chudai ki kahani-44

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series “हे मेरी सुख दायिनी, हे मेरी निजजन – शुद्धिकरण कर मैं तुम्हें करता हूँ अर्पण। अब तक तुम बस थी मेरी हरदम मेरे साथ अब मैं उसके हाथ में दूंगा तेरा हाथ। प्यार करूंगा मैं तुम्हें नहीं छोडूंगा साथ पर जब उसके संग … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-40

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series प्रिय पाठक गण मेरी इस कहानी को काफी रिस्पांस मिला जिसके लिए मैं पाठक गण का आभारी हूँ। आगे की कहानी कहानी नहीं एक कविता है। इसे वास्तविक कहानी मत समझना। अपना प्यार, सेवा, बलिदान की बदौलत स्त्रीवर्ग हम पुरुष वर्ग से कहीं … Read more