जहान्वी शर्मा-3 (Jhanvi Sharma-3)

धनपत ने मेरे निचले होंठ को काटा, और जीभ मेरे मुंह के सामने कर दी, और मैं एक आज्ञाकारी कुत्तिया की तरह अपनी जीभ से उसकी जीभ लिपटा के फिर से मुंह चूसने-चुसवाने लगी। अब गर्मी मेरे सर चढ़ गई थी। मैंने झट से चुम्बन तोड़ के, नीचे झुक कर, उसका मोटा लंड चूसने लगी। … Read more

जहान्वी शर्मा-2 (Jhanvi Sharma-2)

मैं जब घर जा रही थी, तब भी उसके शब्द मेरे दिमाग में गूंज रहे थे। फिर मैंने मेरे घर की और देखा और सोचा कि इस घर को बचाने की खातिर हम क्या कुछ और नहीं कर सकते? मेरे पति बाहर चबूतरे पर ही बैठे थे। उन्होंने मुझे देख के पूछा कि मैं कहा … Read more