पड़ोसन बनी दुल्हन-59

This story is part of the Padosan bani dulhan series जिनको मैं दिल से पूजती हूँ जो दिल में मेरे बसता है यौवन क्या, जाँ कुर्बां उस पर, यौवन का सौदा सस्ता है। यह बदन मेरा अर्पण उसको जितना वह चाहे चोदे मुझे कुर्बां मेरा हर एक अंग जैसे चाहे वह रोंदे मुझे।। इतनी मैं … Read more