Drishyam, ek chudai ki kahani-34

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series रमेश का जवाब आया, “अर्जुनजी, यह मैं भी जानता हूँ। आरती से मैं प्रीती समझ कर चैट कर रहा था। आरती आपके कहने से प्रीती के नाम से चैट तो कर रही थी पर उसने अपने नाम और सच्चा परिचय छोड़ अपने मन … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-33

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series अर्जुन ने प्रीति के नाम से आईडी बना दी थी और रमेश को चैट करने के लिए आमंत्रण भेज दिया था। अर्जुन के मेल भेजने के चंद मिनटों में ही रमेश का जवाब आया, “हाय!” अर्जुन ने तब अपनी पत्नी आरती से कहा, … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-32

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series अर्जुन भी आरती से बातें करते हुए काफी उत्तेजित हो गया था। अर्जुन के लण्ड में भी उसका वीर्य फुंफकार रहा था। अर्जुन ने आरती को चोदने की फुर्ती बढ़ाई। जैसे जैसे अर्जुन आरती की चूत में अपने लण्ड से थपाक थपाक चोट … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-31

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series अर्जुन ने कहा, “नेट पर तो विदेशियों की तस्वीरें ज्यादा आती हैं, पर मैं तो तुम्हें देसी हमारे जैसे कुछ आम लोगों के लण्डों की तस्वीर दिखाता हूँ। यह देखो।” आरती ने जब अर्जुन ने दिखाई हुई पहली तस्वीर देखि तो उसकी आँखें … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-30

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series मैं तो भोली गँवार गवालन थी। तुमने मैं की लत क्यों डाली? कई बार जब अर्जुन घर में होता और इंटरनेट पर लगा रहता था तो आरती अर्जुन के सामने आ कर बैठ जाती और अर्जुन से पूछती की शादी के बाद अर्जुन … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-29

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series दृश्यम द्वितीय चरण पति और पत्नी के रिश्तों का नाजुक तानाबाना गूंथती हुई यह कहानी तत्कालीन भारतीय सामाजिक परिपेक्ष में शायद पोर्न अथवा अश्लील श्रेणी में समावेश हो सकती है। पर हमें यह स्वीकार करना होगा की तत्कालीन समाज में पति पत्नी के … Read more