Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 55

This story is part of the Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din series सुनीलजी ने आयेशा के पीछे अपना बदन सटाकर आयेशा के उन्नत स्तनोँ को अपनी उँगलियों में रगड़ते हुए कहा, “मैं हिंदुस्तानी जवान हूँ। मैं फौजी ना सही पर दिल हमारे फौजियों जैसा दिलफेंक रखता हूँ। हम हमारे जवानों को देश भक्ति … Read more

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 53

This story is part of the Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din series सुनीलजी की आँखों के सामने कितने समय के बाद भी सुनीता के फिसल कर नदी में गिर जाने का और जस्सूजी के छलाँग लगा कर नदी में कूदने का ने का दृश्य चलचित्र की तरह बार बार आ रहा था। उन्हें … Read more

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 52

This story is part of the Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din series जस्सूजी ने देखा की सुनीता पानी के अंदर रुक गयी पर एक ही जगह भँवर के कारण गोल गोल घूम रही थी। पानी में खतरनाक भँवर हो रहे थे। उस भँवर में फंसना मतलब अच्छे खासे तैराक के लिए भी जानका … Read more

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 51

This story is part of the Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din series सुनीलजी ने बंदूक अपने हाथ में लेते हुए कहा, “यह तो ठीक है। पर मेरा काम कलम चलाना है, बंदूक नहीं। मुझे बंदूक चलाना आता ही नहीं।” जस्सूजी थोड़ा सा चिढ कर बोल उठे, “काश! यहां आपको बंदूक चलाने की ट्रेनिंग … Read more

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 50

This story is part of the Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din series लेखक के विचार:- पिछले कुछ हफ़्तों से मेरे पाठकगण कुछ ढीले पड़ गए हों ऐसा मुझे लग रहा है। उनकी प्रतिक्तियाएँ बहुत ही कम हो गयीं हैं। सकारात्मक की जगह नकारात्मक वोट ज्यादा दिख रहे हैं। शायद कहानी कुछ बोर सी … Read more

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 44

This story is part of the Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din series सुनीलजी से चुदवाते हुए भी सुनीता को जंगली कुत्तों की दहाड़ने की डरावनी आवाजें सुनाई देती थीं। सुनीता ने जब सुनीलजी से इसके बारे में पूछा तो सुनीलजी ने जस्सूजी से हुई बात के बारे में सुनीता को बताया। सुनीलजी ने … Read more

Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 40

This story is part of the Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din series जब धीरे धीरे सब ने अपने होश सम्हाले तब कैंप के मुख्याधिकारी ने एक के बाद एक सब का परिचय कराया। जस्सूजी का स्थान सभा के मंच पर था। कैंप के प्रशिक्षकों में से वह एक थे। वह सुबह की कसरत … Read more