Khul Gaya Darwaja – Part 4

जब मैंने मंजू के नंगे स्तन देखे तो मैं पागल सा हो गया। मेरा मन किया की मैं भी अंदर घुस जाऊं और मंजू की चूचियों को चूसने लगूं और उसकी फूली हुई निप्पलों को काट कर लाल करदूँ। पर सब मुझे छोटा मानते थे। देव लगा हुआ था तो मेरा नंबर कहा लगने वाला … Read more

Khul Gaya Darwaja – Part 3

देव मंजू को उठाकर मेरे कमरे में ले आया। मंजू अपनी छटपटाहट से देव का काम मुश्किल बना रही थी। मंजू जैसे तैसे देव के चुंगल से छटकना चाहती थी। पर अब देव ज़रा भी असावधान रहने वाला नहीं था। देव ने मंजू को पलंग पर लिटाया। मैं कमरे से बाहर निकल आया और पीछे … Read more

Anokhi Saja

हलो दोस्तों आपका अपना दीप पंजाबी आपकी सेवा में एक नई कहानी लेकर हाज़िर है। मेरे पुराने सभी दोस्त तो मुझे बाखूबी जानते है। लेकिन जो नए दोस्त इस साईट पे जुड़े है। उनके लिए बतादूं के मैं श्री मुक्तसर साहिब (पंजाब) से हूँ। मेरी इस साईट पे एक दर्जन के करीब कहानियां छप चुकी … Read more

Khul Gaya Darwaja – Part 2

देव के वापस आने के बाद देव और मंजू की शरारत भरी मस्ती बढ़ती ही जा रही थी। करीब हर रोज, माँ की नजर चुका कर देव मंजू को जकड ने कोशिश में लगा रहता था और मंजू उसे अंगूठा दिखाकर एक शरारत भरी नजर से देख हंस कर खिसक जाती थी। एक दिन सुबह … Read more

Khul Gaya Darwaja – Part 1

बड़ी नटखट और चुलबुली सी लड़की मंजू (औरत ही लगती थी वह) उस समय करीब इक्कीस या बाइस साल की होगी। भरी जवानी उसके कपड़ों में से जैसे छलक रही थी। वैसे भी उनकी जमात में छोटे ब्लाउज और छोटा घाघरा ही पहनते थे। शायद वह कबायली जाती की थी। कानों में बाली, नाक में … Read more