Drishyam, ek chudai ki kahani-52

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series इतना चोदा तुमने मुझको की सुध न रही मेरे तन में, यह लण्ड तेरा कैसा लण्ड है, कोई रहम नहीं उसके मन में? दिन में था बेहोशी का आलम रातों को चुदी दिन में सोई, चूत सूज गयी लहराये कदम तब कैसे भला … Read more