Drishyam, ek chudai ki kahani-49

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series जिंदगी प्यार की दो चार घडी होती है चाहे छोटी भी हो यह उमर बड़ी होती है। कड़ी चुदाई हो तेरी अगर मोहब्बत से आखिरी लम्हें तक वह याद खड़ी होती है। आरती अपने कूल्हे हिला कर अपनी उत्तेजना को सम्हालने की कोशिश … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-48

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series जहां लण्ड और चूत में गर्मी हो वहाँ रस्मोरिवाज का क्या करना? जब प्यार हवस से चुदता है, कोरे अलफ़ाज़ का क्या करना? चूत छोटी सी हो लण्ड बड़ा तगड़ी चुदाई तब होती है लण्ड ठोक रहा नाजुक चूत को चूत हो नासाज़ … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-47

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series पाठक गण, अगर कहानी ठीक लगी हो तो जरूर कमैंट्स लिखे! उस तगड़े मोटे लण्ड से अब आज मुझे चुदवाना है हाय मेरी माँ बचने को चलना नहीं कोई बहाना है। एक बार चुदवा लुंगी तो नशा मुझे हो जाएगा। फिर छोटे मोटे … Read more