Drishyam, ek chudai ki kahani-42

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series लण्ड मेरा यह बेकाबू है तेरी सूरत देखि जब से, चूत से मिलने को पागल है वह खड़ा ही रहता है तब से। कैसे उसको मैं शांत करूँ कैसे उसको मैं मनाऊंगा, थोड़ा सा सेहला दोगी तो शायद मैं समझा पाउँगा। इस सारी … Read more