Drishyam, ek chudai ki kahani-50

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series जब हवस दिमाग पे हावी हो तो तरिका तौर नहीं होता, बस लण्ड और चूत ही होती है, बाकी कुछ और नहीं होता। लण्ड तगड़ा हो चूत हो राजी दिन रात चुदाई होती है, फिर चूत सूजे या पाँव डुले उस पर कोई … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-37

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series कहाँ ले चले हो बता दो मुसाफिर, सितारों से आगे यह कैसा जहां है?” आरती की समझ में यह नहीं आ रहा था की मैं और उसका पति अर्जुन उसे कौनसी कामुकता की नयी दुनिया में ले जा रहे थे और वह दुनिया … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-24

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series दृश्यम द्वितीय चरण: मेरी करबद्ध प्रार्थना। हर महिला की निजी पसंद नापसंद का सम्मान करें। उनको कभी भी हीन दृष्टि से ना देखें। स्त्री जाती का ऋण हम जन्मों जन्मों तक चुका नहीं सकते। यह कहानी सत्य तथ्यों पर आधारित है पर पूर्णतया … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-17

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series जैसे ही अर्जुन वहाँ से निकला की सिम्मी ने कमरे का दरवाजा बंद किया और आ कर कालिया के सामने खड़ी हो गयी। सिम्मी की आँखों में अब कालिया से कोई भय नहीं था। वह कालिया को कुछ तरस भरी निगाहों से देख … Read more

Sarpanch ji ki heveli chudai ki raat-11

This story is part of the Sarpanch ji ki heveli chudai ki raat series हेलो दोस्तो जैसा आपने पार्ट 10 में पढा की सरपंचजी पापा के कमरे में पापा के ही बिस्तर पर मम्मी को चोद रहे थे और मैं उनकी चुदाई छुपकर देख रहा था। उस रात मेरे सो जाने के बाद सरपंचजी ने … Read more