Drishyam, ek chudai ki kahani-52

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series इतना चोदा तुमने मुझको की सुध न रही मेरे तन में, यह लण्ड तेरा कैसा लण्ड है, कोई रहम नहीं उसके मन में? दिन में था बेहोशी का आलम रातों को चुदी दिन में सोई, चूत सूज गयी लहराये कदम तब कैसे भला … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-42

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series लण्ड मेरा यह बेकाबू है तेरी सूरत देखि जब से, चूत से मिलने को पागल है वह खड़ा ही रहता है तब से। कैसे उसको मैं शांत करूँ कैसे उसको मैं मनाऊंगा, थोड़ा सा सेहला दोगी तो शायद मैं समझा पाउँगा। इस सारी … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-36

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series जहां में हाँ अजी ऐसे कई नादान होते हैं। वहाँ ले जाते हैं क़श्ती जहां तूफ़ान होते हैं। आरती की नैया तूफ़ान में फँसने वाली थी। माना की आरती का पति आरती के साथ था जो मांझी या नाविक बन कर वह तूफ़ान … Read more