Drishyam, ek chudai ki kahani-50

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series जब हवस दिमाग पे हावी हो तो तरिका तौर नहीं होता, बस लण्ड और चूत ही होती है, बाकी कुछ और नहीं होता। लण्ड तगड़ा हो चूत हो राजी दिन रात चुदाई होती है, फिर चूत सूजे या पाँव डुले उस पर कोई … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-49

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series जिंदगी प्यार की दो चार घडी होती है चाहे छोटी भी हो यह उमर बड़ी होती है। कड़ी चुदाई हो तेरी अगर मोहब्बत से आखिरी लम्हें तक वह याद खड़ी होती है। आरती अपने कूल्हे हिला कर अपनी उत्तेजना को सम्हालने की कोशिश … Read more