Drishyam, ek chudai ki kahani-47

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series पाठक गण, अगर कहानी ठीक लगी हो तो जरूर कमैंट्स लिखे! उस तगड़े मोटे लण्ड से अब आज मुझे चुदवाना है हाय मेरी माँ बचने को चलना नहीं कोई बहाना है। एक बार चुदवा लुंगी तो नशा मुझे हो जाएगा। फिर छोटे मोटे … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-46

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series चुदवाने को बेताब हो फिर भी मनाना है तुझे, गोरे बदन से प्यार से कपडे हटाना है तुझे। क़दमों में गिर कर गिड़गिडा चुदवाने को तैयार कर, लण्ड को तेरे चूत में उसीकी फिर घुसाना है तुझे। नंगे बदन और चूत के जलवे … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-45

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series औरत मर्दों से ऊँची है, सारे संसार की द्योति है। कमजोर नहीं चुदवाते हुए चूँकि वह निचे सोती है। माँ, बहन, बेटी, पत्नी बनकर बोजा सारा वह ढोती है, सारा संसार करे रोशन ऐसी वह प्रेम की ज्योति है। मैंने अर्जुन और रमेश … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-44

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series “हे मेरी सुख दायिनी, हे मेरी निजजन – शुद्धिकरण कर मैं तुम्हें करता हूँ अर्पण। अब तक तुम बस थी मेरी हरदम मेरे साथ अब मैं उसके हाथ में दूंगा तेरा हाथ। प्यार करूंगा मैं तुम्हें नहीं छोडूंगा साथ पर जब उसके संग … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-43

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series किसी गैर से चुदवाने का जोश दिमाग में छाया है, मुझे चोदने प्रेमी मेरा आज मेरे घर आया है। एक बालम था अब तक मेरा जिसका लण्ड लिया मैंने, अब इस प्रेमी का लुंगी मैं जो मेरे मन भाया है। ब्याह रचाएगा मुझसे … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-42

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series लण्ड मेरा यह बेकाबू है तेरी सूरत देखि जब से, चूत से मिलने को पागल है वह खड़ा ही रहता है तब से। कैसे उसको मैं शांत करूँ कैसे उसको मैं मनाऊंगा, थोड़ा सा सेहला दोगी तो शायद मैं समझा पाउँगा। इस सारी … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-41

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series बाँहों में नंगी कर के वह जब चोदेगा मुझ पर चढ़ कर, चूत में घुस कर फाड़ेगा जब तब मुझको है मरने का डर। चूत मेरी सुई की आंख सम लण्ड उसका है जैसे अजगर, अगर मुझे मारना ही है तो फिर जो … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-40

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series प्रिय पाठक गण मेरी इस कहानी को काफी रिस्पांस मिला जिसके लिए मैं पाठक गण का आभारी हूँ। आगे की कहानी कहानी नहीं एक कविता है। इसे वास्तविक कहानी मत समझना। अपना प्यार, सेवा, बलिदान की बदौलत स्त्रीवर्ग हम पुरुष वर्ग से कहीं … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-39

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series ना डरना ओ मेरे राही अगर राहों में भटके हो। यदि हो चाह मंजिल की तो रास्ते मिल ही जाते हैं। ना हो मुश्किल जो राहों में सफर का क्या मज़ा साहिल, लगादें जान जो अपनी वही मंजिल को पाते हैं। यदि आपके … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-38

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series कोई क्या जाने दिल की हालत जो परवानों की होती है। ख़ौफ़ मरने का तो है फिरभी जितअरमानों की होती है। परवाने यह जानते हुए भी की वह शमाकी लौ में जल जाने वाले हैं, शमा की आग में कूदने से बाज नहीं … Read more