पड़ोसन बनी दुल्हन-5

This story is part of the Padosan bani dulhan series एक दिन शाम को जब मैं ऑफिस से घर पहुंचा तो दरवाजा खोलते ही टीना मुझसे लिपट गयी और जोर शोर से रोने लगी। दर असल कुछ ही देर पहले टीना के पापा का फ़ोन आया की टीना के बड़े भाई का एक गंभीर एक्सीडेंट … Read more

पड़ोसन बनी दुल्हन-4

This story is part of the Padosan bani dulhan series एक दिन हम चारों मेरे घर में बैठ कर गपशप मार रहे थे। टीना कुछ नाश्ता लेने अचानक जब उठ खड़ी हुई तो उसे चक्कर आने लगे और लड़खड़ा कर वह टेबल का सहारा ले कर डाइनिंग कुर्सी पर लुढ़क कर बैठ गयी। उसका यह … Read more

पड़ोसन बनी दुल्हन-3

This story is part of the Padosan bani dulhan series बात जारी रखते हुए सुषमाजी ने टीना को कहा की एक साल तक तो वह फॅमिली प्लानिंग करते रहे। एक साल बाद उन्होंने बच्चे का प्लान बनाया। करीब तीन साल तक बिना गर्भ निरोधक के वह मैथुन करते रहे। पर गर्भ तो दूर सुषमाजी का … Read more

पड़ोसन बनी दुल्हन-2

This story is part of the Padosan bani dulhan series शुरू में तो सुषमाजी ने उनका काफी साथ दिया और खूब चुदवाया, पर वह थक जाती थी। उनके लिए सेठी साहब की ताकत और जोश के साथ कदम से कदम मिलाना कठिन था। धीरे धीरे वह तंग होने लगी। सुषमाजी चुदाई एन्जॉय तो करती थी … Read more

पड़ोसन बनी दुल्हन

This story is part of the Padosan bani dulhan series यह कहानी तब शुरू हुई जब मैंने दिल्ली की एक डीडीए कॉलोनी में किराए पर ग्राउंड फ्लोर पर फ्लैट लिया। उसी समय मेरा तबादला लखनऊ से दिल्ली हुआ था। मैं एक आंतरराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी करता था। जब मैंने पहली बार उस फ्लैट को देखा … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-52

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series इतना चोदा तुमने मुझको की सुध न रही मेरे तन में, यह लण्ड तेरा कैसा लण्ड है, कोई रहम नहीं उसके मन में? दिन में था बेहोशी का आलम रातों को चुदी दिन में सोई, चूत सूज गयी लहराये कदम तब कैसे भला … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-51

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series जब हवस दिमाग पे हावी हो तो तरिका तौर नहीं होता, बस लण्ड और चूत ही होती है, बाकी कुछ और नहीं होता। लण्ड तगड़ा हो चूत हो राजी दिन रात चुदाई होती है, फिर चूत सूजे या पाँव डुले उस पर कोई … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-50

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series जब हवस दिमाग पे हावी हो तो तरिका तौर नहीं होता, बस लण्ड और चूत ही होती है, बाकी कुछ और नहीं होता। लण्ड तगड़ा हो चूत हो राजी दिन रात चुदाई होती है, फिर चूत सूजे या पाँव डुले उस पर कोई … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-49

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series जिंदगी प्यार की दो चार घडी होती है चाहे छोटी भी हो यह उमर बड़ी होती है। कड़ी चुदाई हो तेरी अगर मोहब्बत से आखिरी लम्हें तक वह याद खड़ी होती है। आरती अपने कूल्हे हिला कर अपनी उत्तेजना को सम्हालने की कोशिश … Read more

Drishyam, ek chudai ki kahani-48

This story is part of the Drishyam, ek chudai ki kahani series जहां लण्ड और चूत में गर्मी हो वहाँ रस्मोरिवाज का क्या करना? जब प्यार हवस से चुदता है, कोरे अलफ़ाज़ का क्या करना? चूत छोटी सी हो लण्ड बड़ा तगड़ी चुदाई तब होती है लण्ड ठोक रहा नाजुक चूत को चूत हो नासाज़ … Read more