मेरी प्यासी चूत की ज्वाला पड़ोसी और दोस्त ने मिल कर बुझाई-2 (Meri pyasi chut ki jwala padosi aur dost ne mil kar bujhayi-2)

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पिछला भाग पढ़े:- मेरी प्यासी चूत की ज्वाला पड़ोसी और दोस्त ने मिल कर बुझाई-1

दोस्तों आपने मेरी पिछली सेक्स कहानी में पढ़ा कि जब मैं चलती तो मेरी मस्त गोल-मटोल गांड लचकती, और ना जाने कितने मर्दों के लंड को खड़ा कर देती। मेरी बड़ी-बड़ी भरी हुई रसीली चूचियां जो साड़ी में उभर कर फटने को तैयार रहती।

मर्दों की नजरें मेरी चूचियों और मटकती गांड पर भूखे कुत्तों की तरह लगी रहती। और किस तरह मैं भी ज्यादा खुले गले का ब्लाउज पहन कर मर्दों को रिझाने की कोशिश करती। जिसे देख कर मर्दों के मुंह में पानी आ जाता।

डर के मारे शादी से पहले मेरा कोई ब्वॉय-फ्रेंड नहीं बनाया। मैं अपनी सहेली से सुना कि कैसे मर्द और औरत मिल कर किस तरह अपने जिस्म की प्यास को बुझाते है। कैसे लड़का‌ लड़की की चुदाई कर उसकी जवानी का मजा लेता है।

ये सब सोच कर मेरा भी मन बहुत करता कि मेरा भी एक बॉयफ्रेंड हो। मैं उसके साथ बाहर घूमने जाऊं, अपनी चूत चुदवाऊं, अपनी जवानी का मजा लूं। जब भी मेरे कजिन भाई मेरे घर आते तो मुझे कस कर बांहों में भरके अपने गले लगाते। जिससे मेरे संतरे जैसे दूध उसकी छाती से दब जाते। फिर वो मेरी पीठ पर हाथ फेरते हुए मुझे कस कर भींच लेते। ओर बोलते “अरे सीमा तू तो बहुत बड़ी हो गई है। कितनी जल्दी जवान हो गई है।”

कैसे मुझे उसके लंड का उभार देखना अच्छा लगने लगा था। उसके लंड के उभार को देख कर मेरे दिल में गुदगुदी सी होने लगी थी। मैं यही सोचती रहती कि वो कौन खुशनसीब होगा, जो मेरी पहली चूत चुदाई करेगा। कोन मेरी रसीली चूत की सील तोड़ेगा, पके हुए फल की तरह मैं पता नहीं किसकी गोद में गिरूंगी।

मैं यही सब सोचती की भाई मेरे चूचे दबाए, तो मैं गर्म होकर सिसकारियां भरने लगूं। भाई मेरी कमीज को उतार कर मेरी पटियाला सलवार का नाड़ा खोल कर उतार दें, और मेरे अधनंगे बदन पर काली ब्रा और प्यारी सी चूत पर काले रंग की पेंटी देखें। फिर मेरी ब्रा का हुक खोल कर मेरे नर्म और गर्म चूचों को ब्रा की कैद से आज़ाद कर दे। फिर मेरी सिल्की पेंटी उतार कर मुझे बेड पर लिटा कर चोद डाले।

आखिरकार मेरी नाम की कुंवारी प्यासी रसीली चूत का रिश्ता मेरे पति के लंड से हो गया। मतलब मेरी शादी हो गई। अब आगे…

मेरी शादी बड़ी धूम धाम से हुई। मैं बहुत ही खुश थी। और होऊं भी क्यों नही आखिर? आज मैं अपने पति से जी भर कर चुदने वाली थी। अपनी प्यासी रसीली चूत में जम कर पूरी रात लंड डलवाने वाली थी। अपनी रसीली प्यासी चूत को जम कर चुदवाने वाली थी। मुझे आज बहुत दिनों बाद परमानेंट लंड मिलने वाला था। मैं पति के लंड को खाने को बेकरार हो रही थी। आखिरकार वो रात भी आ गयी। जिसमें हर चूत को लंड का इंतजार होता है। जिस रात पत्नि को अपने पति के लंड के दर्शन होते है।

मुझे मेरा कमरा दिखाया गया, तो मैं अपने कमरे में चली गई। बेड को फूलों से सजाया हुआ था। मेरे सजे हुए कमरे में मैं एक-दम अकेली थी।

मैं दुल्हन की तरह पूरी सजी हुई थी। मेरी सुहागरात पर मैंने बड़ा प्यारा लहंगा, और चोली पहना हुआ था। जिसमें नीले रंग का ब्लाउज और लाल रंग का घाघरा पहन रखा था। मेरा ब्लाउज बहुत टाईट था, वो मेरी चूंचियों पर कसा हुआ था। मेरे बोबों पर कसा हुआ ब्लाउज जलवा बिखेर रहा था। मेरा क्लीवेज मेरे चूचों की सुंदरता को और बढ़ा रहा था।

जिस पर मैंने पीले रंग की जालीदार चुन्नी ओढ़ रखी थी। मैंने पूरा दुल्हन का सिंगार किया हुआ था, और मैंने अपनी कमर पर लहंगे का नाड़ा बांधा जो कि मेरी नाभि को दिखाता हुआ लहरा रहा था। मतलब की घाघरे को अपनी नाभि के नीचे बांध रखा था।

लहंगे के अन्दर नीले रंग की जालीदार ब्रा और जालीदार पैंटी पहन रखी थी। ये जालीदार ब्रा और जालीदार पैंटी मुझे मेरे कजिन भाई ने गिफट की थी, मेरी सुहागरात पर पहनने के लिए। अब मैं उनके लंड खड़ा करने के लिए एक-दम तैयार थी।

मेरे लहंगे वाले ब्लाउज में मेरे बूब्स का साइज साफ नज़र आ रहा था। मेरे बूब्स का उभार किसी का भी लंड खड़ा सकता था। आखिरकार मर्दों को इन्हीं आमों जैसे बूब्स की तो प्यास रहती है, जिनको मुंह में लेकर वो किसी भी लड़की या महिला को उत्तेजित कर देते है।

मैं अपने कमरे में बेड पर सज-धज कर अपने पेरों को फोल्ड करके नई नवेली दुल्हन बन कर बैठी थी। मैंने अपने जवान गदराये हुए चिकने जिस्म पर लहंगा, और चोली पहनी हुई थी। जिसमें मैं बहुत ही ज्यादा कामुक दिख रही थी। पैर फोल्ड होने के कारण मेरे बड़े-बड़े बोबे घुटनों से दबने की वजह से मेरी आधी चोली से बाहर निकल रहे थे।

मैं अपने पति का बेसब्री से इंतजार कर रही थी। मेरे हाथों और पैरों में मेहंदी लगी हुई थी। मुझे उनके लंड से चुदने की बेचैनी हो रही थी। सुहागरात की सोच-सोच कर ही मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। आज रात मेरे पति मेरे कपड़ों को उतार कर मुझे पूरी नंगी करने वाले थे। फिर मैं उनके कपड़े उतार कर उनको भी पूरा नंगा करूंगी।

हम दोनों पूरे नंगे हो जायेंगे। वो मेरे बड़े-बड़े और मोटे-मोटे स्तनों को मेरे गदराये हुए जिस्म को देख कर अपनी कामुकता पर काबू नहीं रख पायेंगे। जैसे ही वो मुझे अपनी बाहों में भरेंगे, मेरे बड़े-बड़े स्तन उनकी छाती से दब जायेंगे।

इसके बाद मेरे पति अपने खड़े लंड से मेरी चूत की चुदाई करेंगे और मेरी गांड मारेंगे। रात भर चूत मार-मार कर मेरी चूत का भोसड़ा बना देंगे। मैं ये सब सोच रही थी।

मेरे अंदर तो वासना भरी पड़ी थी। मेरी चूत में खुजली हो रही थी। मेरी प्यासी रसीली चूत में आग लगने लगी थी। मेरा गोरा-गोरा चिकना कुंवारा बदन आज शादी-शुदा बदन बनने वाला था। मेरी पहले से चोरी-छुपे चुदी हुई चूत को आज शादी-शुदा चूत का दर्जा मिलने वाला था। मुझे चुदवाने की इतनी जल्दी थी कि मैंने पीछे से अपनी चोली की डोरी खोल ली थी।

कुछ देर बाद वो कमरे में आ गए, और कमरे में आते ही मेरा घूंघट हटा दिया। फिर उन्होंने मेरी ठुड्ढी को अपनी उंगलियों से पकड़ा और मेरे मुंह को ऊपर उठाया, और वो मेरी आंखों में देखने लगे। मेरे नीले रंग के ब्लाउज का गला बड़ा होने से मेरी चूंचियों का क्लीवेज साफ दिख रहा था।

तभी वो मुझसे बोले: आज तो आपके बूब्स की घाटी देख कर ही मेरे लंड का पानी निकल जाएगा सीमा।

ये सुन कर मैं मन ही मन सोचने लगी, कि आपकी बातों से तो मेरी चूत में आग लग गई है जी। वो धीरे-धीरे मेरे लाल-लाल रसीले होंठों के पास अपने होंठ ले आये, और मेरे होंठो को ज़ोर-ज़ोर से अपने मुंह में खींचने लगे। उनकी जीभ मेरे मुंह में थी, और वो मेरी जीभ को ज़ोर-ज़ोर से चूस रहे थे।

फिर वो मेरे गहने उतारने लगे। धीरे-धीरे उन्होने मेरे सारे गहने उतार दिये। मेरे लहंगे का ब्लाउज मेरी चूचियों के उभारों पर से मेरे सीने पर तना हुआ था। तभी उन्होंने पीछे से आकर मुझे अपनी बांहों में भर लिया। वो मेरी गर्दन पर चूमने लगे, तो मेरी आंखें उनके होंठों के स्पर्श से बंद होने लगी। उनके बार-बार चुम्बन करने से मैं गर्म होने लगी थी।

मैंने खुद को उनके हवाले छोड़ दिया था। अब उनके हाथ पीछे से मेरी रसीली चूंचियों पर आ गये, और वो मेरी गर्दन को चूमते हुए मेरे ब्लाउज में उभारों को दबाने लगे। उनके हाथ की चारों उंगलियां ओर अंगूठा चारों तरफ से मेरी चूची को दबाने लगे।

मेरे दोनों बूब्स को उन्होने अपने हाथों से पकड़ लिया। वो मेरे पीछे थे, इसलिए मेरे पीछे मेरे घाघरे के उपर से उनका तना हुआ लंड मेरी गांड की दरार के बीच में आ गया था।

मुझे उनका लंड घाघरे के उपर से ही टकराना महसूस हो रहा था। उनका लंड मेरे घाघरे के ऊपर से ही मेरी गांड की दरार में घुसने की कोशिश कर रहा था। मेरी चूची दबाते-दबाते उन्होने मेरे बंधे हुए बाल भी खोल दिए ओर बोले, “बाल खुलने के बाद तुम एक-दम माल लग रही हो सीमा। तुम बहुत खूबसूरत माल हो यार। तुम्हारा जिस्म भरा गदराया हुआ है सीमा। आज तुम मेरे इस मोटे लंड से चुदने वाली हो। आज में तुम्हारी चूत में रात भर अपना लंड डालूंगा सीमा।”

दोस्तों अब मैं भी मस्ती में आने लगी थी। तो मैं भी ऐसे ही नखरे करने लगी। मैं बोली, “नहीं जी, मेरी चूत बहुत छोटी है, आप आपका बड़ा। लंड डालोगे तो मेरी चूत फट जाएगी।” मैंने मन में सोचा मेरी चूत तो बहुत बार चुद चुकी थी, मैं तो बस ऐसे ही नखरे कर रही थी।

उनकी बातें मुझे चुदाई वाला नशा दे रही थी। मैं बातों से ही गर्म होने लगी। वो अपने होंठ से मेरी नाजुक गर्दन पर नर्म-नर्म चुम्बन कर रहे थे। उनका हर चुम्बन मेरे बदन पर जैसे प्यार के फूल फेंक रहा था, जो मुझे अंदर तक झकझोर रहा था। फिर वो मेरी गर्दन पर अपनी जुबान घुमाने लगे।

उनका लंड मेरी गांड की दरार के बीच में आ गया था। मुझे उनका लंड मेरे घाघरे के उपर से ही महसूस हो रहा था। मुझे अपनी बांहों में कसे हुए रख कर वो मेरे चूतड़ों पर अपने लंड का तनाव महसूस करवाते हुए मेरी चूचियों को आम समझ कर जोर-जोर से भींच रहे थे।

वो अब मुझसे और भी ज्यादा चिपक गये, और पीछे से ही अपना हाथ मेरी चूची से हटा कर आगे लाकर मेरे नंगे चिकने सपाट पेट को पकड़ लिया, और मेरी गहरी नाभि में अपनी ऊंगली घुमाने लगे। मेरे शरीर में करंट दौड़ गया था। मुझे अब उनका छूना अच्छा लग रहा था। मेरी सांसे तेज हो गयी थी। मेरी गरम-गरम सांसे चलने लगी। मैं पागल होने लगी। मैं भरपूर यौन सुख का मजा लेने के लिए मस्त हो गयी थी।

फिर अपने हाथ से मेरा चिकना पेट कस कर पकड़ लिया। फिर धीरे-धीरे वो अपने हाथ को मेरे ब्लाउज के उपर से ही फिर से मेरी चूंची पर ले गये। मुझे ये सब अच्छा लग रहा था। वे अपने हाथ से मेरे कोमल से चिकने सपाट पेट और मेरी कमर पर बार-बार सहला रहे थे।

जब उन्होने मेरी चूची को पकड़ा तो मैं अपने आप को संभाल नहीं पाई, और लम्बी सांसे लेने लगी। मैं उनके हाथ पर अपना हाथ रख कर उनका हाथ मसलने लगी। उस समय उनका एक हाथ मेरे ब्लाउज के उपर से ही मेरी चूंची पर था।

अब वो पीछे से मेरे घाघरे के उपर से ही अपना लंड मेरी गांड की दरार में दबा कर रगड़ने लगे। तो मैं भी होश खोने लगी, और अपनी गांड हौले-हौले से पीछे की तरफ धकेलने लगी। मतलब अपनी गांड को उनके लंड पर रगड़ने लगी, और सिसकारियां लेने लगी आआहाहहह अअआहह अआहह।

कुछ देर बाद मैं खुद को रोक ना पाई, और अपना हाथ पीछे ले जाकर उनकी पैंट के उपर से ही उनका लंड मसलने लगी। फिर उनके दोनों हाथ पीछे मेरी पीठ पर चलने लगे। मुझे मेरे ब्लाउज के हुक खुलते हुए महसूस हुए। मैं समझ गई कि अब मेरे नंगी होने का समय आ गया था।

मुझे यह अहसास अलग ही लग रहा था, कि आज ये बिना किसी डर के मेरे कपड़े उतारने वाले थे। शादी से पहले बॉयफ्रेंड लड़की को कितनी बार भी नंगी करे, लेकिन पति के हाथों नंगी होने का अपना एक सुकून और रोमांच होता है। मैं उसी सुखद अहसास को जी रही थी।

उन्होंने मेरे पीछे से ब्लाउज को खोल दिया, और धीरे-धीरे करके मेरे ब्लाउज को मेरे कंधों से उतार दिया। अब मैं उनके सामने नीले रंग की जालीदार ब्रा में थी। शर्म के मारे अपनी नज़र उठा कर उनकी नज़रों में देख भी नहीं पा रही थी। मुझे जालीदार ब्रा में अपनी पति के सामने खड़ी रहना काफी उत्तेजित कर रहा था।

वो बोले,‌ “सीमा तुम तो एक-दम भरा हुआ मस्त माल हो मेरी जान। आज तो मुझे बहुत मजा आएगा। आज मैं तुम्हारी चूत का उद्घाटन करूंगा। आज तुम्हारी कुंवारी चूत को चोदने में बहुत मजा आयेगा। तुमको देख कर तो किसी का भी लंड खड़ा हो सकता है।” मैं उनके मुंह से इस तरह की कामुक गंदी बातें सुन कर शर्म के मारे लाल हुई जा रही थी।

उन्होंने मुझे अपनी तरफ घुमाया, और मेरी चूचियों की घाटी को हवस भरी निगाहों से घूरा और बोले, “आहहहह्ह क्या बूब्स हैं सीमा। इनको तो मैं आज चूस-चूस कर लाल कर दूंगा। निचोड़ डालूंगा आज तो मैं इन दोनों को।”

अचानक मेरे पति ने मेरी चूचियों में अपनी नाक घुसा दी। वो मेरे बूब्स में अपना मुंह फिराने लगे। मुझे भी उनका इस तरह से मेरे जिस्म के लिए पागल होना बहुत पसंद आ रहा था।

फिर उन्होंने मेरे होंठों पर होंठ रखे, और उनको चूसने लगे। मैं उनका साथ देने लगी, और उन्होंने मेरे चूतड़ों से मुझे भींच कर जोर-जोर से मेरे होंठों को चूसना शुरू कर दिया। ऐसा लग रहा था जैसे वो मेरे घाघरे के ऊपर से मेरी चूत में अपना तना हुआ लंड घुसाने वाले थे। उनके लंड के धक्के अभी से मेरी जांघों के बीच में लगने लगे थे।

मेरे लबों को चूसते हुए ही उनके हाथ मेरे घाघरे के नाड़े पर आ गये। क्यों दोस्तों, मजा आ रहा है ना सीमा की चुदाई की कहानी पढ़ कर? और आयेगा क्यों नही, अब सीमा का घाघरा जो खुलने वाला है।

दोस्तों कहानी जारी रहेगी अगले भाग में। आप मजा लेकर पढ़ते रहिए, और चूत और लंड का पानी निकालते रहिए। तब तक मैं कहानी का अगला पार्ट लेकर आती हूं। आप मेरी इस कहानी के संबंध में कोई फीडबैक/कमेन्ट करना हो तो मेरी मेल आई डी [email protected] पर कर सकते है।

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