संस्कारी विधवा मां का रंडीपना-12 (Sanskari vidhwa maa ka randipana-12)

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हिंदी सेक्सी कहानी अब आगे-

नाश्ता करने के बाद मैं तैयार होकर अपनी शॉप के लिए निकल रहा था। तभी मैंने देखा मम्मी अपने कमरे में किसी से हंस-हंस कर बात कर रही थी। थोड़ा कमरे के अंदर झांक कर देखा तो मम्मी मौसी से वीडियो कॉल पर बात कर रही थी। मैं बाहर खड़ा उनकी बातें सुनने लगा। मम्मी काफी हंस और मुस्कुरा रही थी।

मौसी मम्मी की मुस्कान देख कर बोलीं: क्या बात सविता, बड़ी खुशी झलक रही है तेरे चेहरे पर? मुझे भी तो बता क्या राज छुपा रही है अपनी दीदी से?

मम्मी: ऐसी कोई बात नहीं है दीदी। मैं तो बस आपको इतने दिनों बाद देख कर खुश हो रही हूं।

मौसी: अच्छा जी, अब सविता अपनी बातें दीदी से छुपाने लगी है। मेरी छोटी बहन तू शुरू से ही काफी शर्मीली रही है। खैर, तेरी जिंदगी में अब कुछ चल रहा है जो तू मुझे बता नहीं पा रही?

मम्मी: दीदी, सही बताऊं तो मुझे पहले से अब काफी अच्छा लग रहा है। मेरी उदास जिंदगी में एक नयापन सा मिला। जिसे पाकर मुझे काफी खुशी मिल रही है।

इनकी बातें सुन कर मेरे कान खड़े हो गए। मैं सोच रहा था मम्मी मौसी को जुनैद की बात बताएंगी या नहीं? यही सब आगे सुनने के लिए मैंने अपने पैर उधर ही जमा लिए।

मौसी: सविता, सीधा-सीधा बोल, तेरी जिंदगी में कोई मर्द आया है? जिस दुख भरी जिंदगी से तू गुजरी है, अब तेरी खुशी को मैं भी समझ सकती हूं। वैसे यह बता वो कौन है?

मम्मी: दीदी, मुझे समझ नहीं आ रहा मैं आप से कैसे कहूं। आप उसे जानती हैं।

मौसी ने कुछ देर सोचकर कहा: वो कहीं जुनैद तो नहीं है? अगर जुनैद जैसा मर्द तेरी लाइफ में खुशी दे रहा है, तो यह खुशी की बात है।

मम्मी शर्माते हुए: दीदी, आप मेरे दिल की बात जान जाती हैं। वैसे आपको कैसे लगा जुनैद ही मेरी लाइफ में है?

मौसी: जुनैद जैसा जवान, सॉलिड और इतना हैंडसम मर्द ही तेरी उदासी दूर कर सकता है। अब उसके साथ तुझे कैसा लग रहा है? वैसे तुम दोनों अभी तक कितने करीब आए?

मम्मी शर्मीले अंदाज़ में: क्या दीदी आप भी ना। दीदी, जुनैद जी के साथ मुझे हर पल अच्छा लगता है। पर मुझे डर है कहीं राहुल को पता लगा तो?

मौसी: सविता, राहुल की फिक्र मत कर। उसको पता लगा तो मैं संभाल लूंगी। अब मैं फोन रखती हूं, बाय।

मम्मी का फोन कटने के बाद मैं हॉल आ गया। फिर मैंने जुनैद को आवाज़ देकर बुलाया शॉप जाने के लिए। जुनैद मेरे पास आ जाता है। मम्मी अपने कमरे से मुस्कुराती हुई आती हैं, फिर किचन में जाकर हमारे लिए खाना पैक करती हैं। कुछ देर में-

मम्मी किचन से बोली: जुनैद जी, एक मिनट के लिए आना यहां। मेरे से लंचबॉक्स बंद नहीं हो रहा है।

जुनैद फौरन किचन में चला जाता है। मुझे कुछ शक सा हो रहा था, तो मैं भी किचन के पास गया और अंदर देखा। मम्मी जुनैद से लिपट कर उसे ज़बरदस्त किस्स कर रही थी। दोनों के लिप्स लॉक हुए पड़े थे। मम्मी अपनी आंखें बंद किए उसके होंठों को जोश से चूस और काट रही थी।

जब मैंने किचन की स्लैब पर देखा तो मेरा खून खौल गया, लंचबॉक्स बंद पड़ा था। मेरी मां बस अपनी होंठों की प्यास बुझाने के लिए जुनैद को बुलाई थी। कुछ 4 मिनट बाद, जुनैद मम्मी के होंठों को चूसते हुए अपने हाथ उनकी चूचियों को दबाने लगता है। तभी मम्मी अपने होंठों को जुनैद से अलग करके बड़ी धीमी आवाज़ में बोली-

मम्मी: जुनैद जी, अब जाओ, राहुल बाहर खड़ा है। यह बस आपके लिए गुड बाय किस्स थी।

जुनैद ज़िद करते हुए बोला: बस एक मिनट के लिए।

मम्मी अपनी आंखें दिखाते हुए: नहीं, अभी आप जाओ।

मम्मी उसके हाथ में लंचबॉक्स दे देती हैं। मैं फौरन उधर से बाहर चला जाता हूं। जुनैद मुस्कुराते हुए मेरे पास आता है, और फिर हम लोग अपनी शॉप के लिए निकल जाते हैं। दो से तीन दिन ऐसे ही मम्मी उसे रोज किचन में बुला कर किस्स करती रही।

फिर अगले दिन सुबह मैंने देखा मम्मी ने एक पिंक और रेड प्रिंटेड साड़ी पहनी हुई थीं, उनका ब्लाउज़ स्लीवलेस काफी कसा हुआ था। ब्लाउज़ का गला इतना डीप था कि उनकी चूचियों के निप्पल ही कवर कर पा रहा था।

मम्मी ने साड़ी अपनी नाभि से भी नीचे बांधी हुई थी। उनके चूतड़ साड़ी में इतने कसे हुए थे कि उनकी पैंटी का शेप भी नज़र आ रहा था। मम्मी ने अपने सुनहरे बालों को खोल कर अपने आगे दाएं साइड के कंधों पर रखा हुआ था। मम्मी अपनी नाक की नथ को सेट करते हुए कमरे से बाहर आ रही थी। मम्मी का यह लुक मैं देखता ही रह गया।

मम्मी मुस्कुराते हुए मेरे पास आई और बोली: गुड मॉर्निंग बेटा, कहां खो गए?

मैं होश में आते हुए: कहीं भी नहीं मम्मी। मैं बस आपका यह लुक देखकर हैरान हो गया।

मम्मी: मैं अच्छी नहीं लग रही हूं?

मैं: ओहो मम्मी, आप तो एक-दम हॉट एंड सेक्सी लग रही हैं मेरी प्यारी मां।

मम्मी इस्माइल करते हुए: अब तुमने मेरी इतनी तारीफ़ करी, तो तुम्हें इनाम भी मिलना चाहिए।

मम्मी मेरे करीब आईं और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए। मैंने भी उनका फेस पकड़ा और होंठों को चूसने लगा। कुछ देर की कामुक किस्स के बाद-

मम्मी मुस्कुराती हुई: यह मेरे बेटे के लिए गुड मॉर्निंग किस्स। अब तुम बैठो मैं नाश्ता लेकर आती हूं।

मम्मी किचन में चली जाती हैं। तभी जुनैद भी आता है लुंगी पहने हुए अपनी नंगी छाती लेकर। फिर हॉल में ही अपनी बॉडी पर ऑयल लगाने लगता है। जुनैद अपना एक पैर जमीन पर तो दूसरा सोफे पर रख कर अपनी जांघ पर ऑयल लगा रहा था। तभी मम्मी किचन से नाश्ता लेकर हॉल में आ जाती हैं। उनकी आंखें जुनैद की चमकती बॉडी पर टिक जाती हैं।

जुनैद मम्मी को अपने सामने देख कर अपना ऑयल से लगा हाथ, अपनी जांघ के आखिरी हिस्से तक लेकर जाता है, जहां तक उसका लंड था। मम्मी जुनैद को अपनी हवस भरी निगाहों से देख रही थी, और उसको देख कर अपने होंठों को दांतों से चबा लेती हैं। जुनैद मम्मी को और गर्म करने के लिए अपना एक हाथ लुंगी के अंदर डालता है, और दूसरे हाथ से लुंगी को कवर करता है ताकि वो जो करे मुझे दिखे ना।

फिर मम्मी की आंखों में आंखें डाल कर अपने अंदर वाले हाथ से मुसल लंड पर ऑयल मसल लेता है। मम्मी जुनैद की इस हरकत से और गर्म हो जाती हैं। उनकी आंखें नशीली हो जाती हैं, गालों पर चमक और उनके होंठ प्यासे हो जाते हैं।

मम्मी अपने होंठों को होंठों से रगड़ते हुए कामुक आवाज़ में बोलीं: जुनैद जी, बॉडी को चमकाते रहोगे या नाश्ता भी करोगे?

जुनैद मम्मी की तरफ हवस भरी निगाहों से देखते हुए: बस हो गया। बॉडी को फिट रखना भी जरूरी है, ताकि हम अपनी मजबूती को सही जगह इस्तेमाल कर सकें। वैसे सविता मेम, आज आपके ऊपर यह प्रिंटेड साड़ी बहुत जच रही है।

मम्मी जुनैद को इस्माइल करती हुई: थैंक्यू जुनैद जी। आपका नाश्ता तैयार है।

जुनैद अपने हाथों को एक तौलिये से साफ करके सोफे पर बैठ जाता है। मैंने एक चीज़ नोटिस की कि आज जुनैद ने लुंगी के नीचे अंडरवियर नहीं पहना हुआ था। लुंगी के अंदर उसका मोटा मुसल लंड झूलता हुआ अलग ही नजर आ रहा था। फिर मम्मी जब नाश्ता देने के लिए जुनैद के सामने झुकती हैं, तो उनका पल्लू कंधे से सरक कर जमीन पर गिर जाता है। जुनैद की आंखें मम्मी की आधी नंगी चूचियों को देख कर चमक जाती हैं।

मम्मी कुछ देर उसके सामने ऐसे ही झुकी रहती हैं। फिर जुनैद से शर्माते हुए अपना पल्लू ठीक करती हैं। मम्मी के पल्लू से बस एक साइड का बूब्स ही कवर हो रहा था। दूसरी साइड के बूब्स के निप्पल का ब्राउन रंग भी दिखाई दे रहा था।

मम्मी जुनैद को कॉफी देने के बाद उसके बगल में बैठ जाती हैं, उसकी तरफ ही फेस करके। दोनों एक-दूसरे को देख कर अपनी-अपनी कॉफी पी रहे थे। आज पता नहीं क्यों मुझे यह सब देख कर बुरा नहीं लग रहा था। शायद मम्मी के चेहरे की खुशी को देख कर या उनका यह कातिल बदन देख कर मैं पिघल रहा था। मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। बस जो मेरे सामने हो रहा था, मैं उसे चुप-चाप देख रहा था।

मम्मी बार-बार जुनैद की ऑयल से चमकती बॉडी ही देख रही थी। उसे देख कर उनकी आंखें नशीली होती जा रही थी। मेरी मां अपनी कामवासना में डूबती जा रही थी। दोनों हंसी-मज़ाक की बातें कर रहे थे। मम्मी बातें करते-करते अपना एक हाथ जुनैद की जांघ पर रख देती हैं। फिर मम्मी मेरी तरफ देखती हैं। जब उनको लगा मैं अपने फोन में लगा हुआ हूं तो वो बिना डरे अपना हाथ उसकी जांघ के लास्ट तक ले जाती है। फिर उसके मुसल लंड पर अपना हाथ रख कर जुनैद की आंखों में देखती हुई-

मम्मी बोलीं: जुनैद जी, आपकी बॉडी बहुत ही सॉलिड है। इसे बनाने में आपने बहुत मेहनत करी होगी।
जुनैद: हां, मेहनत तो मैंने की है, पर इसका फल जब किसी और को मिलता है, तो मुझे अपनी मेहनत पर खुशी मिलती है।

मम्मी का चेहरा एक-दम कामुक हो गया था। वो जुनैद को अब खा जाने वाली नजरों से देख रही थी। मम्मी अपना लंड पर रखा हुआ हाथ को थोड़ा रब करती हुई बोली: जुनैद जी, फिर तो आप मेरा मजबूत दरवाजा आराम से तोड़ देंगे।

मम्मी का इशारा मैं समझ गया था, वो जुनैद से क्या कहना चाहती हैं। साली मां के ऊपर हवस इतनी चढ़ चुकी थी, उन्हें मेरे सामने बैठे होने का भी होश नहीं था।

मैं तुरंत खड़ा हुआ और बोला: मम्मी, मुझे शॉप के लिए निकलना है, आप लंच कब तैयार करेंगी?

मम्मी अपने आप को होश में लाती हुई: बेटा, तुम तैयार होकर आओ मैं किचन में जा रही हूं।

फिर मैं तैयार होने अपने कमरे में चला जाता हूं। कुछ 5 मिनट बाद, मैं तैयार होकर हॉल में आया। देखा मम्मी और जुनैद अभी तक वैसे ही बैठे हुए थे। मैंने गौर किया कि अब मम्मी का पल्लू जुनैद की जांघों पर पड़ा हुआ था, और मम्मी का एक हाथ अब भी जुनैद की जांघों पर था। शायद मां का हाथ अब लुंगी के अंदर था, जो वो अपनी साड़ी के पल्लू से ढकी हुई थीं। वो दोनों मुझे देख कर चौंक गए थे।

मैंने उसे इग्नोर करते हुए कहा: जुनैद तुम तैयार नहीं हुए? और मम्मी आप?

मम्मी थोड़ा अपने को होश में लाती हुई बिना मेरी तरफ देखे बोली: बेटा, तुम शॉप पर चले जाओ, मुझे जुनैद से थोड़ा घर का काम करवाना है।

मैं चौंकते हुए: जुनैद क्या काम करेगा? आज शॉप पर भी मुझे बहुत काम है।

मम्मी: बेटा, मेरा काम थोड़ा भारी है, जुनैद के बगैर वो मैं नहीं कर पाऊंगी।

मम्मी की बात मैं समझ गया यह किस काम के लिए जुनैद को रोक रही थी। मां को अपनी हवस जो शांत करवानी है।

फिर मैं काफी सोच कर मम्मी से नरमी से बोला: ठीक है, मम्मी पर जुनैद का काम निपट जाए तो उसे शॉप पर भेज देना।

मम्मी मुस्कुराती हुई: ठीक है बेटा।

मैं: जुनैद, तुम मम्मी का काम अच्छे से निपटा कर जल्दी शॉप पर आना।

मम्मी तुरंत खड़ी हुई और मेरे करीब आकर: जुनैद जी आप मेरे कमरे में चलो, मैं अभी आती हूं राहुल बेटे को गुड बाय बोल कर।

जुनैद के जाते ही मम्मी मेरे और करीब आई। फिर अपने दोनों हाथों को मेरे गालों पर रख कर मुझे एक जोरदार लंबा किस्स करती हैं।

फिर एक मिनट के जोरदार किस्स के बाद। मम्मी अपने होंठों को अलग करके बोली: गुड बाय राहुल बेटा, और सुनो जुनैद को थोड़ा टाइम लग जाएगा मेरा काम निपटाने में।

मैं इस्माइल के साथ बोला: ठीक है, पर जल्दी निपटा देना।

फिर उसके बाद मैं फौरन घर से निकल गया। मुझे पता था मेरी मां आज अपनी ज़बरदस्त चुदाई करवाने वाली थी। मुझे शॉप पर भी जाना था, मेरा मन चुदाई देखने का भी कर रहा था। फिर मैं सोचा क्यों ना कुछ देर चुदाई देखने के बाद ही जाऊं। फिर मैंने गेट की दरार से अंदर देखा तो मम्मी का कमरा बंद था, वो लोग हॉल में भी नहीं थे। मेरा रास्ता साफ था। मैंने दूसरी चाबी निकाली और घर का गेट खोलकर आराम से अंदर आ गया।

तो दोस्तों, इसके बाद मैंने मां की जोरदार चुदाई कैसे देखा वो आपको अगले भाग में पता लगेगा। तब तक के लिए मेरे दोस्तों को अलविदा। मेरी कहानी कैसी लगी मुझे ईमेल [email protected] पर जरूर बताएं। धन्यवाद।

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