मकान मालकिन को लंड दिखाया-2 (Makaan Malkin Ko Lund Dikhaya-2)

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पिछला भाग पढ़े:- मकान मालकिन को लंड दिखाया

हिंदी सेक्स कहानी अब आगे-

मैं अपने रूम में आकर अपना गधे जैसा मोटा लंड हिलाने लगा। फिर मुझे आंटी के कदमों की आवाज आई। वो मेरे रूम की तरफ ही आ रही थी। आंटी को आते देख मैं उनका नाम लेके हिलाने लगा। (सॉरी दोस्तों, मैं आंटी का नाम बताना भूल गया) उनका नाम था लीला।

मैं आंटी के नाम की मुठ मारने लगा, और बाहर आंटी खड़ी होके सब सुन रही थी। मैं मुठ मारते-मारते बोल रहा था-

मैं: ओह लीला, क्या मस्त गांड है तेरी। साली रंडी बनाऊंगा तुझे अपनी। आह मेरी लीला, मेरा लंड ले अपनी चूत में।

बाहर आंटी ये सब सुन रही थी। फिर आंटी का हाथ भी उनकी चूत पे चला गया, और वो साड़ी के ऊपर से ही अपनी चूत रगड़ने लगी। फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए।

उसके बाद मैं बाहर आया और नहाने लगा, आंटी भी वहीं पर थी, और कपड़े धोने बैठ गई। कपड़े धोते-धोते उनकी साड़ी बिल्कुल गीली हो गई। तो मैंने आंटी को बोला-

मैं: आंटी आपकी साड़ी गीली हो गई।

तो आंटी ने मेरी तरफ देखा और बड़े शरारती अंदाज में बोली: क्या करूं बेटा, रोज गीली हो जाती है।

और ऐसा बोल के वो अपनी चूत रगड़ दी।

तो मैंने बोला: साड़ी को उतार के धोया करो।

तो आंटी बोली: बेटा किसी ने देख लिया तो?

मैं बोला: आंटी आपके और मेरे अलावा यहां और कोई नहीं है, जो देखेगा।

तो मेरा इतना बोलना हुआ और आंटी ने अपनी साड़ी उतार दी। अब आंटी सिर्फ ब्लाउज और पेटिकोट में थी। दोस्तों क्या बताऊं आंटी क्या लग रही थी। उनके गले का लॉकेट उनके दूध में समा रहा था, और कमर में सोने का कमरबंध। पेटीकोट उनकी नाभि से काफी नीचे तक था, और उनकी कमर पे चर्बी की सिलवटें देख के तो मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने उनके सामने ही लंड को रगड़ दिया। आंटी ने फिर मुझसे बात करना चालू कर दिया।

आंटी: बेटा शादी कर लो, अब तो बहुत बड़े हो गए हो।

मैं: हां आंटी, सोच तो रहा हूं करने का। लेकिन कोई अच्छी लड़की मिले तो।

आंटी बोली: बता कैसी लड़की चाहिए?

मैं बोला: आंटी मुझे दुबली-पतली लड़कियां नहीं पसंद। मुझे तो आपके जैसी लड़की चाहिए बिल्कुल।

आंटी बोली: मेरे जैसी तो सिर्फ मैं ही हूं। अगर मेरे जैसी चाहिए तो मुझसे ही शादी करनी पड़ेगी (ऐसा बोल के आंटी हंस दी)।

मैं बोला: तो ठीक है फिर, आप ही कर लो (और में भी हंस दिया)।

फिर आंटी ने मजाक में बोला: तो ठीक है। फिर सिंदूर और मंगलसूत्र ले आना (और ये बोल के आंटी हंस दी और अन्दर वॉशरूम में चली गई)।

मैं भी सुबह ऑफिस के लिए निकल गया। फिर ऑफिस से आते टाइम आंटी की सिंदूर और मंगलसूत्र वाली बात याद आई। तो मैं सीधा ऑफिस से वहीं लेने चला गया। साथ में एक लाल साड़ी और उसके साथ लाल ब्लाउज लिया, वो भी एक नंबर छोटा लिया जान-बूझ कर जिससे उनके बूब्स ज्यादा कसे हुए लगे।

ऑफिस से आके मैं सीधा अपने रूम में गया, और फिर आंटी के कमरे के बाहर मैंने वो सामान रख दिया। थोड़ी देर बाद आंटी बाहर आई, और उन्होंने गेट के बाहर पार्सल देखा तो उसको उठा के अंदर चली गई। उनको लगा शायद कुरियर वाला होगा। क्योंकि मैंने उसको ऐसे ही पैक करवाया था।

आंटी ने अंदर जाकर समान खोला तो बिल्कुल चौंक गई। लेकिन उनका चेहरा भी खिल उठा। अब उनकी हिम्मत नहीं हुई मुझसे सीधा पूछने की तो उन्होंने मुझे मैसेज किया कि-

आंटी: तुम कुछ सामान लाए थे क्या?

मैंने बोला: हां।

तो उन्होंने बोला: मैंने तो मजाक मैं बोला था।

मेरा चेहरा उदास हो गया और उसी उदासी में उनको मैसेज किया: ठीक है, मैं सुबह ऑफिस जाऊंगा तो वापस कर दूंगा उसको।

आंटी ने बोला: ठीक है।

अब मेरा मूड पूरा खराब हो गया।

फिर आंटी ने मैसेज पे बोला: शाम को मेरे लिए थोड़ी राशन ले आना मार्केट से (और आंटी ने राशन की लिस्ट भेज दी)।

मेरा तो पूरा मूड खराब हो गया था। फिर शाम को उदास मन से मार्केट निकल गया आंटी का सामान लाने। उसी उदासी में मैंने 5-6 सिगरेट पी डाली। फिर राशन का समान लेके घर निकल आया। मैं सीधा अंदर गया और आंटी का गेट नॉक किया।

तो आंटी की आवाज आई: गेट खुला है, अंदर आ जाओ।

अन्दर गया तो देखा मेरा मंगलसूत्र और सिंदूर की डिब्बी सोफे पे पार्सल के ऊपर पड़ी थी। फिर मैंने आंटी को आवाज लगाई तो आंटी का कोई जवाब नहीं आया। मैं सामान रखने किचेन में गया तो देखा आंटी ने मेरी दी हुई साड़ी पहनी थी, और मेंहदी भी लगी थी उनके हाथों में। मैं तो उनको देखते ही खुश हो गया। आंटी भी शर्मा गई, और मैंने आंटी को थैंक्यू बोला।

तो आंटी बोली: मैं तैयार हूं। अब आप भी तैयार होके आ जाओ।

आंटी ने जैसे ही मुझे आप कह के बुलाया, मैं खिल उठा।

फिर मैंने बोला: अभी आया आंटी।

तो उन्होंने बोला: आंटी नहीं, लीला बुलाओ मुझे।

मैंने बोला: ओके लीला, माय लव।

मैं फटाफट रूम में गया, और 15 मिनट में तैयार होके सीधा आंटी के वहां आ गया। मैंने सूट पेंट पहना था। जैसे ही मैं नीचे गया, तो आंटी बोली-

आंटी: ये लो मंगलसूत्र, और बना लो मुझे अपना।

मैंने फिर आंटी को मंगलसूत्र पहनाया, और मंगलसूत्र उनके दूध की गहराई में समा गया। फिर मैंने उनकी मांग में सिंदूर डाला, और आंटी मेरे पैर छूने के लिए झुकी तो मैंने उन्हें गले से लगा लिया।

फिर उन्होंने मेरे कान में कहा: आज अपनी लीला पे बिल्कुल रहम मत करना। मैं तुम्हारी बीवी बनी हूं लेकिन मुझे एक रंडी की तरह चुदना है।

मैंने फिर उसकी कमर में हाथ डाल के जोर से खींचा, और उसे चूमना चालू कर दिया। वो भी मुझे बराबर चूम रही थी। फिर मैंने उसकी साड़ी निकल दी, और अब वो सिर्फ लाल ब्लाउस में जो बिल्कुल कसा हुआ था, और नीचे पेटीकोट में जो नाभि से काफी नीचे था। मैंने आंटी का एक झटके में ब्लाउज फाड़ डाला। अब लीला सिर्फ काली ब्रा में थी। उसने भी मेरे कपड़े उतार दिए सारे। मैं उसके सामने नंगा खड़ा था।

लीला बोली: जब से ये लंड देखा है तब से इससे चुदने का मन कर रहा है।

फिर मैंने लीला के सारे कपड़े उतार दिए, और उसको बोला: चल इसको मुंह में ले साली रंडी।

लीला ने लंड मुंह में लिया और चूसने लगी जैसे आम चूस रही हो।

फिर उसने बोला: चलो तुम घूम जाओ, और मेरी चूत चाटो।

हम 69 पोजीशन में आ गए और मैं उसकी चूत चाटने लगा। 10 मिनट के बाद दोनों साथ में एक-दूसरे के मुंह में झड़ गए। हम दोनों साथ में लेटे रहे। फिर कुछ देर बाद मेरा लंड खड़ा हो गया, तो मैंने बिना उसको बोले सीधा लंड उसकी चूत में डाल दिया। मेरा टोपा ही अंदर जा पाया। इतने में वो तड़प उठी।

वो बोली: दर्द हो रहा है रुको।

लेकिन मैं कहा मानने वाला था। मैंने एक ही झटके में अपना विशालकाय लंड उसकी चूत में डाल दिया। वो तड़प उड़ी जैसे जल बिन मछली हो, और हाथ पैर पटकने लगी। मैं बेरहमी से झटके दिए जा रहा था। वो चिल्ला रही थी।

लेकिन मैंने एक ना सुनी और झटके देते जा रहा था। थोड़ी देर में वो भी मस्त होने लगी, और कमर उठा के मेरा साथ देने लगी।

वो बोलने लगी: चोदो मेरे राजा, फाड़ डाल इस चूत को। बना दे मेरी भोसड़ी का भोसड़ा।

और जोर-जोर से आवाज निकालने लगी: उम्म आह ओह येस बेबी फाड़ डालो राजा। आज से ये लीला तेरी लीला रंडी बन के रहेगी।

मैंने बोला: हां साली, आज के बाद तू मेरी रंडी है, और मैं तेरा इकलौता मर्द हूं।

लीला बोली: चोद डाल मुझे। बना दे मुझे अपने बच्चे की मां। भर दे मेरी कोख।

मैं उसको लगातार झटके देते जा रहा था, और मेरा हर झटका उसकी बच्चेदानी से टकरा रहा था, जिससे उसकी चीख बढ़ती जा रही थी, और वो बोल रही थी-

आंटी: इतने दिन से तुझे अपना अधनंगा जिस्म दिखा रही थी कुत्ते। तभी आके चढ़ जाता इस कुतिया पे। मैं तो पहले दिन से ही तैयार थी तेरे नीचे आने के लिए। काश तू पहले दिन ही आके दबोच देता, तो इतने दिन प्यासी ना रहती तेरी लीला रंडी।

मैने बोला: लीला आज के बाद तेरी चूत कभी प्यासी नहीं रहेगी। मेरे वीर्य से हमेशा हरी-भरी रहा करेगा मेरी रंडी लीला।

इतने में लीला बोली: मेरा पानी निकलने वाला है मेरे राजा, और तेज डाल।

मैंने स्पीड बढ़ा दी और बोला: मेरा भी होने वाला है।

फिर हम दोनों एक साथ झड़ गए, और उस रात हमने 5 बार सेक्स किया, फिर सो गए। हम सुबह उठे तो लीला नहा धो के मेरे लिए चाय लेके आई और बोली-

आंटी: उठिए, 8 बज गए, ऑफिस नहीं जाना क्या?

मैं उठा तो देख लीला सिर्फ ब्रा और पेटिकोट में थी। मैंने उसको वही दबोच लिया, और उसको चूमने लगा।

तो वो बोली: ये तो होता रहेगा। अब तैयार हो जाओ। ऑफिस नहीं जाना क्या?

मैंने बोला: आज मन नहीं है।

फिर उस दिन हमने पूरा दिन सेक्स किया और दोनों घर में नंगे ही घूमते रहे।

दोस्तों अभी यहीं तक। आगे की कहानी में बताऊंगा कैसे मैंने लीला को बहुत गंदी सजा दी और उस सजा के लिए मानो वो पहले से ही तैयार थी। वो सजा क्या थी, उसके लिए थोड़ा इंतजार कीजिए।

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