संस्कारी विधवा मां का रंडीपना-9 (Sanskari vidhwa maa ka randipana-9)

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हिंदी चुदाई कहानी अब आगे-

कुछ घंटे बाहर बिताने के बाद मैं सुबह 8 बजे घर लौट के आता हूं। घर के अंदर आते ही मैंने मम्मी को आवाज़ दी, जिससे उन्हें लगे कि मैं अभी घर आ रहा था। कुछ देर बाद मैंने देखा मेरी मां बॉथरूम से नहा के आ रही थी। उनको ऊपर से नीचे तक देख कर मेरी आंखें चौंक जाती है। मैं सोचा मेरी मां जुनैद की एक रात की चुदाई में इतनी बदल गई। मेरी मां एक काले रंग की बेबी डोल शॉर्ट नाइटी पहने हुई थी, जो उनकी गांड तक ही आ रही थी।

नाइटी का कपड़ा इतना बारीक नेट वाला था, कि उसके अंदर की लाल ब्रा-पैंटी और आधी नंगी गांड नज़र आ रही थी। और आगे से उसका गला इतना खुला हुआ था कि उनकी चुचियों की पूरी गहराई नज़र आ रही थी।

मां को देख कर मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मेरी मां इतनी रंडी बन जाएगी। मम्मी मेरी उम्मीद से भी ज़्यादा आगे निकल रही थी। मैं उन्हें देख कर इतना खो गया था कि मुझे होश तब आया तब मम्मी बोली-

मम्मी: राहुल बेटा अब मुझे देखते ही रहोगे? जाओ पहले फ्रेश होके आओ, फिर हम बैठ कर बातें करेंगे।

मेरी मां को लगा जैसे मैं अभी-अभी घर आया था। फिर मैं फ्रेश होके हॉल में आया और सोफे पर आकर बैठ जाता हूं। मम्मी किचन से मेरे लिए नाश्ता लेकर आती है। मैंने देखा वो लंगड़ा के और अपनी टांगे चौड़ी करके चल रही थी। वैसे तो मुझे सब पता था, फिर भी मैं मम्मी के सामने अपना झूठा ड्रामा कर लेता हूं, जैसे मुझे रात का कुछ पता ही नहीं हो। जब मम्मी मेरे पास आई-

मैं बोला: मम्मी आपको क्या हुआ है? आप ऐसे क्यों चल रही हो?

मम्मी बोली: बेटा कल रात घर की बिजली चली गई थी उस वज़ह से मैं अंधेरे में बेड से टकरा गई। खैर यह सब छोड़ो बेटा, तुम बताओ मैं कैसी लग रही हूं?

मैं बोला: हां मम्मी, आप हॉट एंड सेक्सी लग रही हो। पर मुझे ऐसी ड्रेस में आपका जुनैद के सामने जाना अच्छा नहीं लगता।

मम्मी: बेटा जुनैद को तुम अब भी पराया समझते हो। उसकी वजह से ही कल तुम्हे इतनी बढ़ी डील मिली है।

मेरी मां अपने हस्ते हुएं चेहरे से मेरे सामने इतना बड़ा झूठ बोल रही थी। उनके चेहरे पर जुनैद की चुदाई का दर्द और खुशी दोनों नज़र आ रही थी। और उनके चेहरे पर मैंने एक चीज़ और नोटिस की, वो थी उनकी नाक की चमचमाती नथ, जो एक विधवा औरत बिल्कुल नहीं पहनती। मम्मी का यह बदलता रूप बता रहा था कि उनको अब चरमसुख मिल गया था। जो कभी उनको मेरे पापा सी नहीं मिला था।

मेरा मन बोल रहा था मुझे इसमें अब अपनी टांग नहीं अड़ानी चाहिए जिसमें मम्मी की खुशी है। फिर मम्मी को अपने गले से लगाते हुए-

मैं बोला: हां मम्मी, जुनैद की मेहनत से आज मुझे इतनी बड़ी डील मिली है। आज उसकी वज़ह से मुझे बहुत खुशी हो रही है।

फिर मैं मम्मी के साथ बैठ कर चाय पीने लगा। तभी मुझे जुनैद मम्मी के कमरे से बाहर आता हुआ दिखा। जिसे देख मेरा माथा ठनक गया। जुनैद बस अंडरवियर में ही मम्मी कमरे से बाहर आता है, और हॉल में हमें देख गुड मॉर्निंग कहता है। फिर बॉथरूम चला जाता है। मम्मी मेरा चेहरे देख भाप लेती है कि मुझे ये देख गुस्सा आ रहा था। मैं उसी गुस्से के अंदाज में बोला-

मैं: मम्मी यह क्या है? जुनैद आपके कमरे से ऐसे बाहर आ रहा है? क्या वो आपके कमरे में सो रहा था? उसकी यह हिम्मत कैसे हुई आपके साथ?

मम्मी अपने आप को संभालते हुए कुछ सोचती है। फिर मेरे करीब आके मेरे गालों पर अपने मुलायम हाथों को फेरते हुए मम्मी बोली: क्या बेटा?

मैं: नहीं मम्मी मुझे बताओ उसकी हिम्मत कैसे हुई?

मम्मी घबराते हुए बोली: बेटा मेरी बात तो सुनो। जुनैद को मैंने ही बोला था अपने कमरे में सोने के लिए।

मैं: मम्मी पर आपने उसे अपने साथ क्यूं सोने दिया? वो भी सिर्फ अंडरवीयर में?

मम्मी: बेटा कल रात घर की बिजली चली गई थी। जिस वजह से मुझे काफी घबराहट हो गई थी। (रोते हुए) मुझे अकेले में डर लग रहा था। अगर तुम घर में होते तो मुझे जुनैद को नहीं बुलाना पड़ता। उसने बस मेरा अकेलापन दूर किया था। उसकी वज़ह से मुझे चैन की नींद आई थी।

फिर मम्मी ने मुझे घर का शॉट सर्किट दिखाया। जिसे देखा कर मेरा सर चकरा गया। सोचा नहीं था मेरी मां इस कदर इतना बड़ा झूठ तैयार करके बोलेंगी। अगर रात मैंने लाइव चुदाई नहीं देखी होती, तो मम्मी अपने इस झूठ से अपना रंडीपना मेरे से छुपा लेती। फिर मम्मी मेरे कंधों पर अपना सिर रखते हुए बोली-

मम्मी: अब तो विश्वास करो हम पर। जुनैद गलत नहीं है, वो तो मेरी खुशी के लिए।

मैंने भी अपने गुस्से को शांत करते हुए बोला: सॉरी मम्मी, मैंने आपको गलत समझा।

मम्मी बोली: बेटा जुनैद जी को कभी गलत मत समझना। वो तो घर की खुशियां चाहते हैं। तुम्हारे पापा के जाने के बाद जुनैद जी ही वो खुशियां ला सकते हैं। अगर उन्हें पता लगा इस बारे में तो वह नाराज़ हो जाएंगे। प्लीज बेटा उनके सामने मत बोलना।

मैं: ठीक है मम्मी, मैं वैसा ही करूंगा जैसा आप बोलो।

मैं सोचा मेरे इस नाटक से मम्मी मुझे अपने दिल की बात बताएगी, पर ऐसा नहीं हुआ। फिर उनके चेहरे पर एक बार फिर से खुशी आई। थोड़ी देर में जुनैद भी नहा के हमारे पास बस लुंगी में आ गया। मम्मी उसके लिए कॉफी लेने चली जाती हैं। फिर मैंने जुनैद के काम की तारीफ की उसे डील की सारी बातें बताई। मैंने देखा मम्मी उसके लिए कॉफी लेकर आ रही थी। मैंने तुरंत जुनैद को अपने गले से लगाते हुए बोला-

मैं: जुनैद आज तुम्हारी वजह से मुझे इतनी बड़ी खुशी मिली है। बताओ मैं तुम्हारे लिए क्या कर सकता हूं?

जुनैद बोला: आपने तो पहले ही इतना कुछ दिया। अब तो मुझे बस आपके घर का सदस्य बनना है।

मम्मी यह सब देख कर और खुश हो जाती है। एक बार फिर से उनके चेहरे पर निखार आ जाता है। मम्मी जुनैद को कॉफी देते हुए बोली-

मम्मी: जुनैद जी आप तो पहले दिन से ही हमारे घर के सदस्य बन गए थे। क्यों राहुल बेटा?

मैं: हां मम्मी जुनैद अब हमारे घर का मेम्बर है। इस खुशी में मैं चाहता हूं कि हम लोग आज रात डिनर किसी होटल में करें।

मम्मी: बेटा पर मेरे टांग में मोच आई हुई है। मैं कैसे चलूंगी?

जुनैद बोला: सविता जी आप घबराओ मत, मैं आपके साथ रहूंगा। अब राहुल बेटे ने बोला है तो चलना ही होगा।

जुनैद के मुंह से अपने लिए बेटा सुन कर मुझे अंदर गुस्सा भी आ रहा था, और उसके लिए बाप की फीलिंग्स भी हो रही थी। मैं सोचा यह कहीं ना कहीं दोनों की चाल थी, मुझे अपने रिश्ते में लाने की। मैंने देखा मम्मी के चेहरे पर एक अलग ही चमक आ गई थी। मेरे लिए जुनैद के मुंह से बेटा सुन के मम्मी उसकी आंखों में देखते हुए-

मम्मी बोली: थैंक्स जुनैद जी, मैं तो चाहती हूं आप मेरे साथ हमेशा रहे।

फिर मैं उधर से बॉथरूम में जाने का बहाना लेकर हट गया, ताकि वो मेरे जाने के बाद बात कर सके। फिर मैं उनको छुप कर देखने लगा। मेरे जाते ही जुनैद ने मम्मी को खींच कर अपनी गोद में बैठा लिया, फिर उनकी नंगी टांगों पर हाथ फेरते हुए-

जुनैद बोला: जान आज तो मैं डर ही गया था।

मम्मी जुनैद के होठों को चूमते हुए बोली: आपको मेरे होते हुए डरने की ज़रूरत नहीं है। यही नहीं में आपके लिए कुछ भी कर सकती हूं।

जुनैद बोला: मैंने देखा था मेरी जान तुमने कैसे राहुल को मना लिया था।

मम्मी: आज राहुल बेटे से झूठ बोल कर मुझे अच्छा नहीं लग रहा। मैं चाहती हूं राहुल भी आपको अपना ले। मुझे पता है वो मेरी खुशी के लिए आपको अपना पापा जरूर मानेगा।

फिर दोनों किस्स करने लगते हैं। थोड़ी देर में मम्मी उससे अलग हो जाती है। यह बोल के कि कही राहुल फिर देख कर नाराज़ ना हो जाए। मैंने देखा मम्मी के दिल में जुनैद के प्रति बहुत प्यार था। यह दिख भी रहा था जुनैद की चुदाई से मेरी मां का रोम-रोम खिल उठा था। यह खुशी मैंने कभी पापा के होते हुए मम्मी के चेहरे पर नहीं देखी जो आज चमक रही थी। शायद फ़र्क मर्द का नहीं लंड का भी होता हैं जो जुनैद के फौलादी मूसल में था।

फिर शाम को मम्मी ब्लैक रंग की साड़ी पहन कर तैयार होती है। उसका ब्लाउज बैक लेस था जो सिर्फ डोरी पर बांधा हुआ था। आगे से उनका गला बहुत नीचे था, जिससे उनकी चूचियों में बन रही दरार बहुत मोटी लग रही थी। सच कहूं तो मम्मी किसी सेक्सी एल्बम से निकली हुए मॉडल लग रही थी।

मैं तो मम्मी की हॉटनेस देख कर कही खो गया। मेरे साथ बैठा जुनैद भी मम्मी को आंखें फाड़ कर देख रहा था। मम्मी अपने कमरे से चल कर हमारे पास आ रही थी। तभी उनकी ऊंची हिल्स की सैंडल मूड जाती हैं,‌‌ जिससे वो अनबैलेंस होके गिरने को हो गई थी। जुनैद तुरंत भाग के जाता है, और उनका एक हाथ पकड़ लेता है, और अपना एक हाथ उनकी कमर में डाल कर मम्मी को गिरने से बचा लेता है।

कुछ पल तक दोनों एक-दूसरे की आंखों में देखते रहते हैं। मैंने देखा उनका पल्लू उनकी चूचियों से गिर गया था। मम्मी की गोरी आधी नंगी चूचियां दिख रही थी, और जुनैद की नज़र उनके ब्लाउज के ऊपर टिक गई थी। मैं उन्हें होश में लाने के लिए।

मैं बोला: मम्मी आपको कुछ हुआ तो नहीं?

फिर अपने आप को संभालते हुए मम्मी बोली: हां बेटा मैं ठीक हूं। थैंक्स जुनैद जी, अच्छा हुआ अपने मुझे गिरने से बचा लिया।

साला ठरकी जुनैद मेरे देखने के बाद भी अपना हाथ उनकी नंगी कमर से नहीं हटाता। फिर अपने पल्लू को बिना ठीक किए एक कदम उठाते ही आऊछ करते हुए मम्मी बोली: बेटा मैं नहीं चल सकती आह।

जुनैद बोला: ओहो आप टेंशन मत लो। आप मेरी इन मजबूत बाहों का सहारा लेकर चल सकती है।

साला जुनैद पीछे से मां की गांड पर अपना हाथ फेर देता, जिससे मम्मी उसकी तरफ देख कर शर्मा जाती हैं। उन्हें लगा रहा था जैसे मुझे ये सब दिख नहीं रहा है।

फिर मम्मी अपनी कामुक आवाज़ में बोली: थैंक्स जुनैद जी मुझे आपके सहारे की ही जरूरत थी।

कही ना कहीं मुझे यह मम्मी की एक चाल लग रही थी। जिससे वो मेरे सामने जुनैद का हाथ अपनी कमर पर रखवा सकें। मेरे मन में मम्मी के लिए बहुत गालियां निकल रही थी। साली रंडी जुनैद की एक चुदाई में मेरा बाप को भूल गई।

दोस्तों इसके आगे क्या हुआ वो मैं आपको अगले भाग में बताऊंगा। उम्मीद करता हूं कि आपको मेरी कहानी पसंद आ रही होगी। इस कहानी का फीडबैक ईमेल पर जरूर [email protected] दे आप सभी पाठकों को धन्यवाद।

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